🔊 शब्द-ब्रह्म का विज्ञान: आपकी वाणी में छिपी है परमाणु से भी ज्यादा शक्ति!
|✍️ संदर्भ लेखन - सौरभ दिवटे
📖 जानकारी का स्रोत: गायत्री महाविज्ञान, पृष्ठ ८ (Page 8)
क्या आप जानते हैं कि "दीपक राग" गाने से बुझे हुए दीये जल उठते थे और "मेघ मल्हार" गाने से बारिश होने लगती थी? यह कोई जादू नहीं, बल्कि ध्वनि विज्ञान (Science of Sound) है।
आवाज की ताकत:
वैज्ञानिक भी मानते हैं कि जब फौज पुल पर चलती है, तो उन्हें "कदम ताल" (marching) तोड़कर चलने को कहा जाता है। क्यों? क्योंकि अगर सबके कदमों की आवाज़ एक साथ गूंजी (Resonance), तो लोहे का पुल भी टूट सकता है।
मंत्र कैसे काम करता है? । गायत्री मंत्र शब्दों का एक ऐसा ख़ास क्रम (Combination) है, जिसे हज़ारों साल की रिसर्च के बाद बनाया गया है। जैसे रेडियो स्टेशन से खास फ्रीक्वेंसी मिलाने पर ही गाना सुनाई देता है, वैसे ही मंत्रों के सही उच्चारण से ब्रह्मांड की सूक्ष्म शक्तियाँ खिंची चली आती हैं| अमेरिका के डॉ. हचिंसन ने भी संगीत और ध्वनि से कई लाइलाज बीमारियाँ ठीक करने में सफलता पाई है।
जब हम मंत्र जपते हैं, तो वह ध्वनि ईथर (आकाश तत्व) में जाकर अपनी जैसी ही शुभ शक्तियों को साथ लेकर लौटती है, जो साधक का जीवन बदल देती है।
🎯 इस लेख की सीख (Moral):
शब्दों को मामूली न समझें। अच्छी वाणी और सही मंत्र जीवन में निर्माण भी कर सकते हैं और विध्वंस भी। इसलिए हमेशा शुभ बोलें।
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